‘‘ यत्र नर्यस्तू पूज्यन्ते रमते तत्र देवता ‘‘ "जहां नारी की पूजा होती है वहा देवता निवास करते है"

पूज्य गुरु जी त्यागमूर्ति स्वामी गणेशानन्द जी महाराज के कर कमलो द्वारा स्थापित यह शिक्षा सदन 1998 से निरंतर प्रगति की ओर अग्र्सर है | स्वामी जी की महिला शिक्षा का विकास करने की बहुत आकांगशा थी | इसलिए उन्होंने उचाना में महिला शिक्षा के लिए सनातन धर्म कन्या महाविद्यालय की स्थापना की ताकि महिलाएं अपने विवेक संकल्प व कर्म से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके | हम आशा करते है कि आने वाले समय में महाविद्यालय अपनी शैक्षणिक गतिविधियों द्वारा उन्नति के शिखर पर पहुंचे | महिला शिक्षा को नया आयाम प्रदान करेगा |

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