पूज्य गुरु जी त्यागमूर्ति स्वामी गणेशानन्द जी महाराज के कर कमलो द्वारा स्थापित यह शिक्षा सदन 1998 से निरंतर प्रगति की ओर अग्र्सर है | स्वामी जी की महिला शिक्षा का विकास करने की बहुत आकांगशा थी | इसलिए उन्होंने उचाना में महिला शिक्षा के लिए सनातन धर्म कन्या महाविद्यालय की स्थापना की ताकि महिलाएं अपने विवेक संकल्प व कर्म से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके | हम आशा करते है कि आने वाले समय में महाविद्यालय अपनी शैक्षणिक गतिविधियों द्वारा उन्नति के शिखर पर पहुंचे | महिला शिक्षा को नया आयाम प्रदान करेगा |
श्री निर्मल मिंडा (प्रबंधकीय निदेशक )
प्रगति के इस युग में स्त्री शिक्षा की बढ़ती आवशयकता को ध्यान में रखते हुए उचाना व इसके ग्रामीण क्षेत्र की स्त्री शिक्षा सम्बन्धी अभिलाषा की पूर्ति के लिए ही यह महाविद्यालय अपने शेक्षणिक जीवन में प्रवेश कर रहा है | यह महाविद्यालय कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से संबद्ध है| यह महाविद्यालय प्रगति के पथ पर बढ़ते हुए एक आदर्श संस्था के रूप में उभर रहा है|
सनातन धर्म कन्या महाविद्यालय के नए शत्र के सुभारम्भ पर मेरी हार्दिक शुभकामनाए...
श्रीमती दर्शना (प्राचार्या)
शिक्षा के द्वारा ही मानवता का विकाश होता है| मानव को मानवोचित गुणों की अनुभूति होती है| मेरा यह दृढ विस्वाश है की इस महाविद्यालय की छात्राए अनुशासन का पालन करते हुए करुणा स्वाभिमान स्वतंत्रता एवं सत्यनिष्ठा आदि भावो की ओर प्रवृत होते हुए अपनी उपलब्दियों के द्वारा अपने महाविद्यालय शहर एवं देश का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखवाएगी| इस लक्ष्य को मैं आप सब छात्राओ के मंगल व उज्वल भविष्य की कामना करती हुँ कि आप अपने जीवन के उदेश्य को प्राप्त कर अपने परिवार शहर देश का नाम रोशन करें तथा जीवन को सफल बनाए...